( 5 Oct, 2015) इलेक्ट्रॉन आवरण Published By : upscgk.com इलेक्ट्रॉन आवरण किसी परमाणु के नाभि की कक्षा में घूमते इलेक्ट्रॉन की कक्षा होती हैं। ये नाभि के किनारे स्थित एक के ऊपर एक चढ़े आवरणों की भांति सोचे जा सकते हैं। प्रत्येक आवरण में एक निश्चित संख्या में इलेक्ट्रॉन ही उपस्थित रह सकते हैं, अतः प्रत्येक आवरण एक विशिष्ट इलेक्ट्रॉन ऊर्जा से संबद्ध होते हैं। प्रत्येक आवरण को इलेक्ट्रॉनों से भरा होना चाहिये, इससे पहले कि उससे अगला आवरण भरना आरंभ हो। सबसे बाहरी आवरण में उपस्थित इलेक्ट्रॉन ही उस तत्त्व के गुण निश्चित करते हैं और वैलेन्स इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं। इलेक्ट्रॉन आवरण में इलेक्ट्रॉन व्यवस्था देखने के लिये इलेक्ट्रॉन विन्यास देखें। आवरणइलेक्ट्रॉन आवरणों को के, एल, एम, एन, ओ, पी एवं क्यू नामकरण किया जाता है। इन्हें १-७ तक के संख्या से भी संबोधित कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉन आवरणों को के, एल, एम, एन, ओ, पी एवं क्यू नामकरण किया जाता है। इन्हें १-७ तक के संख्या से भी संबोधित कर सकते हैं। उपावरण प्रत्येक आवरण में एक या अधिक उपावरण होते हैं, जिनमें फिर परमाणू आवरण होते हैं। उदा. प्रथम (K) आवरण की एक उपावरण "1s" होती है; द्वितीय (L) आवरण में दो उपावरण "2s" और "2p" होते हैं; तृतीय उपावरण में "3s", "3p" और "3d" होते हैं; और ऐसे ही आगे भी।[1] विभिन्न संभव उपावरण इस सारणी में दिये गए हैं: उपावरण नाम ℓ अधिकतम इलेक्ट्रॉन निहित आवरण ऐतिहासिक नाम s 0 2 प्रत्येक आवरण sharp p 1 6 द्वितीय आवरण और उच्च principal d 2 10 तृतीय आवरण और उच्च diffuse f 3 14 चतुर्थ आवरण और उच्च fundamental g 4 18 पंचम आवरण और उच्च