घूर्णन गति-Rotation speed Published By : upscgk.com भौतिकी में किसी त्रिआयामी वस्तु के एक स्थान में रहते हुए (लट्टू की तरह) घूमने को घूर्णन कहते हैं। यदि एक काल्पनिक रेखा उस वस्तु के बीच में खींची जाए जिसके इर्द-गिर्द वस्तु चक्कर खा रही है तो उस रेखा को घूर्णन अक्ष कहा जाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन करती है। घूर्णन गति की परिभाषा जब कोई वस्तु तय अक्ष के चारों ओर घूर्णन करता है, तो उसे घूर्णी गति कहा जाता है। यूलर के घूर्णन प्रमेय के अनुसार एक ही समय में स्थिर या तय अक्ष के चारों ओर समकालीन घूर्णन असंभव है। अगर एक ही समय में दो घूर्णन प्रक्रिया हुआ भी तो उनका एक अक्ष बन जाता है। इस प्रकार की गति तब अवतरित होती है जब वह घूर्णन अक्ष के सतह के सीधे हो रहा होता है। किसी अनम्य वस्तु की स्थिर अक्ष के चारो ओर की गतिशीलता उसी वस्तु के मुक्त घूर्णन गति के अपेक्षा कहीं बेहतर होता है। घूर्णन गति एक सीधी दिशा में हो रही रखिये गति के अनुरूप काम करता है। घूर्णन काल अपने घूर्णन अक्ष पर घूर्णन करता हुआ एक गोला भौतिकी में, घूर्णन काल उस समय के अवधि को कहते हैं जिसमें कोई घूर्णन करती हुई (यानि लट्टू की तरह घूमती हुई) वस्तु अपने घूर्णन अक्ष के इर्द-गिर्द एक चक्कर पूरा कर लेती है। उदाहरण के लिए, पृथ्वी अपने अक्ष पर लगभग चौबीस घंटे (यानि लगभग एक दिन) में एक चक्कर पूरा कर लेती है, इसलिए उसका घूर्णन काल लगभग एक दिन है। हमारे सौर मण्डल का सूरज भी घूर्णन कर रहा है लेकिन चूँकि वह पूरा गैस का बना है और उसमें पृथ्वी जैसी सख्ती नहीं है इसलिए उसका मध्य हिस्सा उसके ध्रुवों की अपेक्षा जल्दी घूर्णन करता है। सूरज की मध्य रेखा पर घूर्णन काल २५ दिन ९ घंटे ७ मिनट है, जबकि उसके ध्रुवों का घूर्णन काल ३५ दिन है। .