( 23 Sep, 2015) कुछ आर्थिक शब्दावली Published By : upscgk.com • बजट लेखा-जोखा : वित्त वर्ष के दौरान सरकार द्वारा विभिन्न करों से प्राप्त राजस्व और खर्च के आकलन को बजट लेखा-जोखा जाता है. • संशोधित लेखा-जोखा : वार्षिक बजट में किये गये आकलनों और वर्तमान आर्थिक परिस्थिति के मद्देनजर इनके वास्तविक आंकड़ों के बीच के अंतर को संबोधित लेखा-जोखा कहा जाता है. • सकल घरेलू उत्पाद : वर्ष के दौरान देश में निर्मित सभी उत्पादों और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है. इसमें मुख्य रूप से तीन सेक्टर शामिल हैं- कृषि, उद्योग और सेवा. • सकल राष्ट्रीय उत्पाद : एक वर्ष के दौरान देश में निर्मित किये गये सभी उत्पादों और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य तथा स्थानीय नागरिकों द्वारा विदेशों में किये गये निवेश के जोड़ को, विदेशी नागरिकों द्वारा स्थानीय बाजार से अर्जित मुनाफे में घटाने से हासिल राशि को सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है. • वित्त विधेयक : नये कर लगाने, कर प्रस्तावों में बदलाव या वर्तमान कर ढांचे को जारि रखने के लिए संसद में प्रस्तुत विधेयक को वित्त विधेयक कहा जाता है. • विनियोग विधेयक : सरकार द्वारा संचित निधि से रकम निकासी को मंजूरी दिलाने के लिए संसद में प्रस्तुत विधेयक को विनियोग विधेयक कहा जाता है. • वित्तीय घाटा : सरकार को हासिल होने वाले कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच का अंतर वित्तीय घाटा कहलाता है. • राजस्व व्यय : विभिन्न सरकारी विभागों और सेवाओं पर खर्च, ऋृण पर ब्याज की अदायगी और सब्सिडीयों पर होने वाले व्यय को राजस्व व्यय कहते हैं. • राजस्व प्राप्ति : वसूले गये सभी प्रकार के सरकारी टैक्स और शुल्क, निवेशों पर प्राप्त ब्याज व लाभांश तथा विभिन्न सेवाओं के बदले अर्जित राशि को राजस्व प्राप्ति कहा जाता है. • आय कर : लोगों की व्यक्तिगत आमदनी एक तय सीमा से ज्यादा होने की दशा में सरकार उनसे टैक्स वसूलती है, जिसे आय कर कहा जाता है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में ढाई लाख रुपये सालाना की आमदनी पर कोई आय कर देय नही है. उसके बाद की आमदनी पर इनकम टैक्स चुकाना होता है.