( 12 Jul, 2015) हिन्दी व्याकरण -- वाक्य Published By : upscgk.com वाक्य-विश्लेषण सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि वाक्य क्या है । एक विचार को पूर्ण रूप से प्रकट करने वाला शब्द-समूह वाक्य कहलाता है । जैसे- मैं दो दिन से बीमार हूं । इसी तरह, किसी वाक्य के विभिन्न घटकों (पदों या पदबंधों) को अलग-अलग करके उनके परस्पर संबंध को बताना वाक्य विश्लेषण कहा जाता है । इस प्रक्रिया को वाक्य विग्रह भी कहते हैं । वाक्य-विग्रह वाक्य के प्रमुख दो खंड हैं- 1. उद्देश्य- जिनके विषय में कुछ कहा जाए । 2. विधेय- उद्देश्य (कर्ता) जो कुछ करता है वह विधेय है । जैसे- वाक्य उद्देश्य (कर्ता) विधेय कबूतर डाल पर बैठा है । कबूतर डाल पर बैठा है । मैं दो दिन से बीमार हूं । मैं दो दिन से बीमार हूं । उद्देश्य का विस्तार- कई बार वाक्य में उसका परिचय देने वाले अन्य शब्द भी साथ आए होते हैं । ये अन्य शब्द उद्देश्य का विस्तार कहलाते हैं । जैसे- काला साँप पेड़ के नीचे बैठा है। इनमें काला शब्द उद्देश्य का विस्तार हैं । वाक्य के भेद रचना के अनुसार वाक्य के निम्नलिखित भेद हैं- 1. साधारण वाक्य 2. संयुक्त वाक्य 3. मिश्रित वाक्य 1. साधारण वाक्य जिस वाक्य में केवल एक ही उद्देश्य (कर्ता) और एक ही समापिका क्रिया हो, वह साधारण वाक्य कहलाता है । जैसे- लड़का खेलता है । इसमें लड़का उद्देश्य है और खेलता है विधेय । इसमें कर्ता के साथ उसके विस्तारक विशेषण और क्रिया के साथ विस्तारक सहित कर्म एवं क्रिया-विशेषण आ सकते हैं । जैसे- अच्छे लड़के अच्छी तरह खेलते हैं । यह भी साधारण वाक्य है । 2. संयुक्त वाक्य दो अथवा दो से अधिक साधारण वाक्य जब ‘पर, किन्तु, और, या’ इत्यादि से जुड़े होते हैं, तो वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं । ये चार प्रकार के होते हैं – (i) संयोजक- जब एक साधारण वाक्य दूसरे साधारण या मिश्रित वाक्य से संयोजक अव्यय द्वारा जुड़ा होता है । जैसे- गीता गई और सीता आई । (ii) विभाजक- जब साधारण अथवा मिश्र वाक्यों का परस्पर भेद या विरोध का संबंध रहता है । जैसे- वह मेहनत तो बहुत करता है पर फल नहीं मिलता । (iii) विकल्पसूचक- जब दो बातों में से किसी एक को स्वीकार करना होता है। जैसे- या तो उसे मैं अखाड़े में पछाड़ूँगा या अखाड़े में उतरना ही छोड़ दूँगा । (iv) परिणामबोधक- जब एक साधारण वाक्य दसूरे साधारण या मिश्रित वाक्य का परिणाम होता है । जैसे- आज मुझे बहुत काम है इसलिए मैं तुम्हारे पास नहीं आ सकूँगा । 3. मिश्रित वाक्य जब किसी विषय पर पूर्ण विचार प्रकट करने के लिए कई साधारण वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य की रचना करनी पड़ती है तब ऐसे वाक्य मिश्रित वाक्य कहलाते हैं । इन वाक्यों में एक मुख्य या प्रधान उपवाक्य और एक अथवा अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं जो समुच्चयबोधक अव्यय(‘पर, किन्तु, और, या’) से जुड़े होते हैं । मुख्य उपवाक्य की पुष्टि, समर्थन, स्पष्टता या विस्तार हेतु ही आश्रित वाक्य आते हैं । आश्रित वाक्य तीन प्रकार के होते हैं- (i) संज्ञा उपवाक्य (ii) विशेषण उपवाक्य (iii) क्रिया-विशेषण उपवाक्य संज्ञा उपवाक्य- जब आश्रित उपवाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के स्थान पर आता है तब वह संज्ञा उपवाक्य कहलाता है। वह चाहता है कि मैं यहाँ कभी न आऊँ । यहाँ कि मैं कभी न आऊँ, यह संज्ञा उपवाक्य है। विशेषण उपवाक्य- जो आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की संज्ञा शब्द अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बतलाता है वह विशेषण उपवाक्य कहलाता है । जो किताब मेज पर रखी है वह मुझे इनाम में मिली है । यहाँ जो किताब मेज पर रखी है यह विशेषण उपवाक्य है । क्रिया-विशेषण उपवाक्य- जब आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बतलाता है तब वह क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहलाता है । जब वह मेरे पास आया तब मैं कहीं गया था । यहाँ पर जब वह मेरे पास आया यह क्रिया-विशेषण उपवाक्य है । वाक्य-परिवर्तन सरल वाक्य से मिश्र वाक्य सरल वाक्य मिश्र वाक्य मैं तुम्हारे साथ खेलना चाहता हूं । मैं चाहता हूं कि तुम्हारे साथ खेलूँ । उसके बैठने की जगह कहां है ? वह जगह कहां है जहां वह बैठे ? यह किसी बुरे आदमी का काम है । वह कोई बुरा आदमी है जिसने यह काम किया है । सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य सरल वाक्य संयुक्त वाक्य पानी बरसता हुआ देखकर बच्चे ने एक मकान में शरण ली । बच्चे ने पानी बरसता हुआ देखा और एक मकान में शरण ली । वह खाना खाकर सो गया । उसने खाना खाया और सो गया । परिश्रम करके सफलता हासिल करो । परिश्रम करो और सफलता हासिल करो । संयुक्त वाक्य से सरल वाक्य संयुक्त वाक्य सरल वाक्य जल्दी करो, नहीं तो ट्रेन चली जाएगी । जल्दी नहीं करने पर ट्रेन छूट जाएगी । वह अमीर है फिर भी सुखी नहीं है । वह अमीर होने पर भी सुखी नहीं है । न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसूरी । बाँस और बाँसूरी दोनों नहीं रहेंगे । मिश्र वाक्य से सरल वाक्य मिश्र वाक्य सरल वाक्य ज्यों ही मैं वहां पहुंचा त्यों ही वह भागा । मेरे वहां पहुंचते ही वह भागा । तुम्हारे लौटकर आने पर मैं ऑफिस जाऊँगा । जब तुम लौटकर आओगे तब मैं ऑफिस जाऊँगा । अगर मानसून नहीं बरसा तो फसल चौपट हो जाएगी । मानसून नहीं बरसने से फसल चौपट हो जाएगी । मिश्र वाक्य से संयुक्त वाक्य मिश्र वाक्य संयुक्त वाक्य मुझे यकीन है कि गलती तुम्हारी है । गलती तुम्हारी है और इसका मुझे यकीन है । मुझे वह कलम मिल गई जो गुम हो गई थी । वह कलम खो गई थी लेकिन मुझे मिल गई । जैसा बोओगे, वैसा काटोगे । जो जैसा बोएगा वैसा ही काटेगा । संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य संयुक्त वाक्य मिश्र वाक्य काम पूरा करो नहीं तो वेतन कटेगा । अगर काम पूरा नहीं करोगे तो वेतन कटेगा । रमेश या तो स्वयं आएगा या फिर चिट्ठी भेजेगा । यदि रमेश स्वयं नहीं आया तो चिट्ठी भेजेगा । वक्त निकल जाता है पर बात याद रहती है । भले ही वक्त निकल जाता है लेकिन बात याद रहती है । विधि वाक्य से निषेध वाक्य विधि वाक्य निषेध वाक्य तुम सफल हो जाओगे । तुम्हारी सफलता में कोई संदेह नहीं है । यह प्रस्ताव सभी को मान्य है । इस प्रस्ताव पर कोई विरोधाभास नहीं है । शिवाजी एक बहादुर बादशाह थे । शिवाजी से बहादुर कोई बादशाह नहीं था । निश्चयवाचक वाक्य से प्रश्नवाचक निश्चय वाचक प्रश्नवाचक सुभाषचंद्र बोस का नाम सबने सुना होगा । सुभाषचंद्र बोस का नाम किसने नहीं सुना ? तुम्हारी चीजें मेरे पास नहीं हैं । तुम्हारी चीजें मेरे पास कहां हैं ? विस्मयादि बोधक वाक्य से विधि वाक्य विस्मयादि बोधक विधि वाक्य काश ! उसके दिल में मैरे लिए प्यार होता । मैं चाहता हूं कि उसके दिल में मेरे लिए प्यार हो । कितना सुंदर नजारा है ! बहुत ही सुंदर नजारा है !