( 12 Jul, 2015) हिन्दी व्याकरण -- मुहावरे और लोकोक्तियाँ Published By : upscgk.com मुहावरे और लोकोक्तियाँ मुहावरा कोई भी ऐसा वाक्यांश जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करे उसे मुहावरा कहते हैं । लोकोक्ति लोक-अनुभव से बनने वाली उक्तियां जो किसी समाज ने लंबे अनुभव से सीखा है उसे एक वाक्य में बाँध दिया है । अक्ल-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण अक्ल चकराना- (कुछ समझ में न आना) पेड़ पर चढ़ते ही मेरी अक्ल चकरा गई । अक्ल के पीछे लठ लिए फिरना- (समझाने पर भी न मानना) वह तुम्हारी बात नहीं मानेगा । अक्ल के पीछे लठ लिए फिरता है वह । अक्ल का दुश्मन- (मूर्ख) वह अक्ल का दुश्मन निकला । अक्ल के घोड़े दौड़ाना- (विचार करना) बड़े-बड़े विद्वानों ने अक्ल के घोड़े दौड़ाए, तब कहीं जाकर संविधान की रचना हुई । अंग संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण अंग-अंग ढीला होना- (बहुत थक जाना) आज तो मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा है । अंग छूना- (कसम खाना) मैं अंग छूकर कहता हूँ साहब, मैंने कलम नहीं देखी । अंग-अंग टूटना- (सारे बदन में दर्द होना) इस बुखार ने तो मेरा अंग-अंग तोड़कर रख दिया । अंग-अंग मुसकाना-(बहुत प्रसन्न होना) उसका अंग-अंग मुसकरा रहा होगा । आँख-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण आँख चुराना- (छिपना) चोरी पकड़ी जाने के बाद वह मुझसे आँखें चुराता फिरता है । आँखों में धूल झोंकना- (धोखा देना) शिवाजी मुगल पहरेदारों की आँखों में धूल झोंककर कारागार से बाहर निकल गए। आँख दिखाना- (गुस्से से देखना) जो भारत को आँख दिखाएगा, हम उसकी आँखें फोड़ देंगे । आँखों में गिरना- (सम्मानरहित होना) कुर्सी की होड़ ने राजनीतिक दलों को जनता की आँखों में गिरा दिया । आँख मारना- (इशारा करना) वो मेरी बात से सहमत दिखा । क्योंकि उसने मुझे आंख मारी । आँख तरसना- (देखने के लालायित होना) तुम्हें देखने के लिए तो मेरी आँखें तरस गई । आँख फेर लेना- (प्रतिकूल होना) लगता है, गरीबों पर से खुदा ने आँखें फेर ली हैं। आँख बिछाना-(प्रतीक्षा करना) महात्मा गांधी जिधर जाते थे उधर ही लोग उनके लिए आँखें बिछाए खड़ी होती थी । आँखें सेंकना- (सुंदर वस्तु को देखते रहना) आँख सेंकते रहोगे या कुछ करोगे भी । आँखें चार होना- (प्रेम होना, आमना-सामना होना) कल मुलाकात हुई, उनसे आँखें चार हुईं । आँखों का तारा- (बहुत प्यारा) मेरी बहन मेरी आँखों का तारा है । आँख उठाना- (देखने का साहस करना) अब वह कभी-भी मेरे सामने आँख नहीं उठा सकेगा । आँख खुलना- (होश आना) जब रमेश ने उसकी सारी संपत्ति हड़प ली तब उसकी आँखें खुली । आँखों में समाना- (दिल में बस जाना) गिरधर मीरा की आँखों में समा गए । आँख लगना- (नींद आना) बड़ी मुश्किल से अब उसकी आँख लगी है । आँखों पर पर्दा पड़ना- (लोभ के कारण सच्चाई न दिखना) अभी तुम्हें कुछ सुझेगा नहीं क्योंकि तुम्हारी आँखों पर परदा पड़ा हुआ है । आँखों का कांटा- (अप्रिय व्यक्ति) शराब पीने की आदत की वजह से रोशन अपने पिता की आंखों का कांटा बन गया । कलेजा-संबंधी कुछ मुहावरे मुहावरे उदाहरण कलेजे पर हाथ रखना- (अपने दिल से पूछना) अपने कलेजे पर हाथ रखकर कहो कि क्या तुमने पैन नहीं तोड़ा । कलेजा जलना- (काफी दुख होना) उसकी बातें सुनकर मेरा कलेजा जल उठा । कलेजा थामना- (जी कड़ा करना) अपने एकमात्र युवा पुत्र की मृत्यु पर माता-पिता कलेजा थामकर रह गए । कलेजा ठंडा होना- (संतोष हो जाना) मनचलों की गिरफ्तार होते देख गाँव वालों का कलेजा ठंडा हो गया । कलेजे पर पत्थर रखना- (दुख में भी धीरज रखना) उसने तो कलेजे पर पत्थर रख लिया है। कलेजे पर साँप लोटना- (ईर्ष्या से जलना) श्रीराम के राज्याभिषेक का समाचार सुनकर दासी मंथरा के कलेजे पर साँप लोटने लगा । नाक-संबंधी कुछ मुहावरे मुहावरे उदाहरण नाक रगड़ना- (दीनता दिखाना) किसान ने जमीनदार के सामने खूब नाक रगड़ी, पर वो नहीं माना । नाक पर मक्खी न बैठने देना- (अपने पर आँच न आने देना) कितनी ही मुसीबतें उठाई, पर उसने नाक पर मक्खी न बैठने दी । नाक में दम करना- (बहुत तंग करना) चोरों ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है । नाक कटना- (प्रतिष्ठा नष्ट होना) नालायक बेटे ने तो उसके खानदान की नाक कटवा दी । नाक रखना- (मान रखना) सच पूछो तो उसने सच कहकर मेरी नाक रख ली । कान-संबंधी कुछ मुहावरे मुहावरे उदाहरण कान का कच्चा- (सुनते ही किसी बात पर विश्वास करना) जिस मालिक कान के कच्चे होते हैं वे भले कर्मचारियों पर विश्वास नहीं करते । कान भरना- (चुगली करना) अपने दोस्तों के खिलाफ कभी कान नहीं भरना चाहिए । कान कतरना- (बहुत चतुर होना) वह तो अभी से बड़े-बड़ों के कान कतरता है । कान पर जूँ तक न रेंगना- (कुछ असर न होना) खराब कानून-व्यवस्था पर सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंगती । कानों कान खबर न होना- (बिलकुल पता न चलना) यह लो रुपए, लेकिन किसी को कानों कान खबर न हो । मुँह-संबंधी कुछ मुहावरे मुहावरे उदाहरण मुँह खून लगना- (रिश्वत लेने की आदत पड़ जाना) उसके मुँह खून लगा है, बिना पैसे लिए वह काम नहीं करेगा । मुँह की खाना- (हार मानना) पड़ोसी के घर के मामले में दखल देकर उसे मुँह की खानी पड़ी। मुँह में पानी भर आना- (दिल ललचाना) लड्डू का नाम सुनते ही मेरे मुँह में पानी भर आया । मुँह छिपाना- (लज्जित होना) मुँह छिपाने से काम नहीं बनेगा, कुछ करके भी दिखाओ। मुँह रखना- (मान रखना) मैं तुम्हारा मुँह रखने के लिए ही प्रमोद के पास गया था, वरना मुझे क्या जरूरत थी । मुँहतोड़ जवाब देना- (कड़ा उत्तर देना) मुँहतोड़ जवाब मिलने पर वह फिर कुछ नहीं बोला । मुँह पर कालिख पोतना- (कलंक लगाना) बेटा तुम्हारे कुकर्मों ने मेरे मुँह पर कालिख पोत दी है । मुँह उतरना- (उदास होना) आज तुम्हारा मुँह क्यों उतरा हुआ है । मुँह ताकना- (दूसरे पर आश्रित होना) अब गेहूँ के लिए हमें विदेशों का मुँह नहीं ताकना पड़ेगा । मुँह बंद करना- (चुप कर देना) रिश्वत ने बड़े-बड़े अफसरों का मुँह बंद कर रखा है । दाँत-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण दाँत पीसना- (बहुत ज्यादा गुस्सा करना) मुझ पर दाँत क्यों पीसते हो ? गलती तो उसने की है । दाँत खट्टे करना- (बुरी तरह हराना) भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के दाँत खट्टे कर दिए । दाँत काटी रोटी- (घनिष्ठता, पक्की मित्रता) कभी विकास और पंकज में दाँत काटी रोटी थी पर आज एक-दूसरे के जानी दुश्मन हैं । गरदन-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण गरदन पर सवार होना- (पीछे पड़ना) कलर्क की गरदन पर सवार होने से तुम्हारा काम नहीं बनने वाला है । गरदन पर छुरी फेरना- (अत्याचार करना) उस बेकसूर की गरदन पर छुरी फेरते तुम्हें शरम नहीं आती । इसकी सजा तुम्हे भगवान देंगे । गरदन झुकाना- (लज्जित होना) मेरा सामना होते ही उसकी गरदन झुक गई। गले-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण गले मढ़ना- (जबर्दस्ती किसी को काम सौंपना) इसे मेरे गले मढ़कर तुमने मुसीबत में डाल दिया है । गले का हार- (बहुत प्यारा) तुम उसके गले का हार हो । गला फँसाना- (बंधन में पड़ना) दूसरों के मामले में गला फँसाने से कुछ हाथ नहीं आएगा । गला घोंटना- (अत्याचार करना) जो गरीबों का गला घोंटता है वह देर तक नहीं टिक सकता । सिर-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण सिर पर भूत सवार होना- (धुन लगाना) तुम्हारे सिर पर तो हर समय भूत सवार रहता है। सिर पर मौत खेलना- (मृत्यु नजदीक होना) विभीषण ने रावण से कहा कि तुम्हारे सिर पर तो मौत खेल रही है । सिर पर खून सवार होना- (मरने-मारने को तैयार होना) डैनी के सिर पर तो हर समय खून सवार रहता है । सिर-धड़ की बाजी लगाना- (प्राणों की भी परवाह न करना) भारतीय वीर देश की रक्षा के लिए सिर-धड़ की बाजी लगा देते हैं । सिर नीचा करना- (लजा जाना) मुझे देखते ही उसने सिर नीचा कर लिया। हाथ-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण हाथों-हाथ- (बहुत जल्दी) मेरा काम हाथों-हाथ हो गया । हाथ खींचना- (साथ न देना) मुसीबत के समय नकली दोस्त हाथ खींच लेते हैं । हाथ खाली होना- (रुपया-पैसा न होना) क्या करूं ? भाई का दाखिला भी जरूरी है, और हाथ भी खाली है । हाथ पे हाथ धरकर बैठना- (निकम्मा होना) उद्यमी कभी भी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठते हैं । हाथ मलते रह जाना-(पछताना) बिना सोचे-समझे काम करने वाले हाथ मलते हैं । हाथों के तोते उड़ना- (दुख से हैरान होना) दादा के निधन का समाचार पाते ही उसके हाथों के तोते उड़ गए । हाथ साफ करना- (चुरा लेना) ओह ! किसी ने मेरी जेब पर हाथ साफ कर दिया । हाथ-पाँव मारना- (प्रयास करना) हाथ-पाँव मारने वाला व्यक्ति अंत में अवश्य सफलता प्राप्त करता है । हाथ डालना-(शुरू करना)- किसी भी काम में हाथ डालने से पहले उसके अच्छे या बुरे फल पर विचार कर लेना चाहिए । हवा-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण हवा लगना- (असर पड़ना) मोहन को शहर की हवा लग गई । हवा से बातें करना- (बहुत तेज दौड़ना) जापान में बुलेट ट्रेन हवा से बातें करती हैं । हवाई किले बनाना- (झूठी कल्पनाएँ करना) हवाई किले ही बनाने से सफलता नहीं मिलती ? हवा हो जाना-(गायब हो जाना)- देखते-ही-देखते मेरी साइकिल न जाने कहाँ हवा हो गई ? पानी-संबंधी मुहावरे मुहावरे उदाहरण पानी-पानी होना- (शर्मिंदा होना) राकेश पिताजी की पॉकेट से सौ रुपए निकाल ही रहा था कि मैंने देख लिया । मुझे देखते ही वह पानी-पानी हो गया । पानी फेर देना- (निराश कर देना) उसने तो मेरी उम्मीदों पर पानी पेर दिया । पानी में आग लगाना- (शांति भंग कर देना) तुमने तो हमेशा पानी में आग लगाने का ही काम किया है । पानी भरना- (तुच्छ लगना) तुमने तो जीवन-भर पानी ही भरा है । कुछ मिले-जुले मुहावरे अँगूठा दिखाना- (देने से साफ इनकार कर देना) अगर-मगर करना- (टालमटोल करना) अंगारे बरसाना- (अत्यंत गुस्से से देखना) आड़े हाथों लेना- (अच्छी तरह काबू करना) आकाश से बातें करना- (बहुत ऊँचा होना) ईद का चाँद- (बहुत कम दीखना) उँगली पर नचाना- (वश में करना) कलई खुलना- (रहस्य प्रकट हो जाना) कुत्ते की मौत करना- (बुरी तरह से मरना) कोल्हू का बैल- (निरंतर काम में लगे रहना) खाक छानना- (दर-दर भटकना) गड़े मुरदे उखाड़ना- (पिछली बातों को याद करना) गुलछर्रे उड़ाना- (मौज करना) घास खोदना- (फुजूल समय बिताना) चंपत होना- (भाग जाना) छक्के छुडा़ना- (बुरी तरह पराजित करना) टका-सा जवाब देना- (कोरा उत्तर देना) टोपी उछालना- (अपमानित करना) तलवे चाटने- (खुशामद करना) थाली का बैंगन- (अस्थिर विचार वाला) दौड़-धूप करना- (कठोर श्रम करना) धज्जियाँ उड़ाना- (नष्ट-भ्रष्ट करना) नमक-मिर्च लगाना- (बढ़ा-चढ़ाकर कहना) नौ-दो ग्यारह होना- (भाग जाना) दाने-दाने को तरसना- (अत्यंत गरीब होना) बिल्ली को देखते ही चूहे नौ-दो ग्यारह हो गए- (गलत काम करके उपदेश देना) बाल-बाल बचना- (बड़ी कठिनाई से बचना) मक्खियाँ मारना- (निकम्मे रहकर समय बिताना) माथा ठनकना- (संदेह होना) रफूचक्कर होना- (भाग जाना) रंग उड़ाना- (घबरा जाना) लोहे के चने चबाना- (बहुत कठिनाई से सामना करना) लोहे के चने चबाना- (बहुत कठिनाई से सामना करना) हजामत बनाना- (ठगना) राई का पहाड़ बनाना- (छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा देना) कुछ प्रचलित लोकोक्तियाँ अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गई खेत- (समय निकल जाने पर पछताने से क्या लाभ) अधजल गगरी छलकत जाए- (कम गुण वाला व्यक्ति दिखावा बहुत करता है) आम के आम गुठलियों के दाम- (दुगुना लाभ) ऊँची दुकान फीका पकवान- (केवल ऊपरी दिखावा करना) घर का भेदी लंका ढाए- (आपसी फूट के कारण भेद खोलना) जिसकी लाठी उसकी भैंस- (शक्तिशाली की विजय होती है) जल में रहकर मगर से वैर- (किसी के आश्रय में रहकर उससे शत्रुता मोल लेना) दूध का दूध पानी का पानी- (सच और झूठ का ठीक फैसला) मन चंगा तो कठौती में गंगा- (यदि मन पवित्र है तो घर ही तीर्थ है) दोनों हाथों में लड्डू- (दोनों ओर लाभ) मान न मान मैं तेरा मेहमान- (जबरदस्ती किसी का मेहमान बनना) नाच न जाने आँगन टेढ़ा- (काम करना नहीं आना और बहाने बनाना) न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी- (कारण के नष्ट होने पर कार्य न होना) दूर के ढोल सुहावने- (जो चीजें दूर से अच्छी लगती हों) बगल में छुरी मुँह में राम-राम- (भीतर से शत्रुता और ऊपर से मीठी बातें) साँप मरे लाठी न टूटे- (हानि भी न हो और काम भी बन जाए) सावन हरे न भादों सूखे- (हमेशा एक-सी स्थिति में रहना) सौ सुनार की एक लुहार की- (निर्बल की सैकड़ों चोटों की सबल एक ही चोट से मुकाबला कर देते है) लातों के भूत बातों से नहीं मानते- (शरारती समझाने से वश में नहीं आते)