( 13 Oct, 2015) छत्तीसगढ़ यह एक आधुनिक नाम Published By : upscgk.com छत्तीसगढ़, एक आधुनिक नाम है। इसीलिए इसका ज़िक्र न तो किसी पुराण में है और न ही किसी धार्मिक ग्रंथ में। पुराने समय में छत्तीसगढ़ का क्षेत्र "कौसल', "मध्यकौसल", "दक्षिणकौसल" आदि नामों से जाना जाता था। अगर डॉ. हीरालाल ने अपनी पुस्तक "इंडियन एण्टीक्वेरी" (जिल्द 62, 1993 , पृ.161 ) में इस क्षेत्र को "दक्षिण कौसल" कहा है, तो सी.वी. वैद्य अपनी "हिस्ट्री आॅफ़ हिन्दू मिडिवल इण्डिया (जिल्द 1 , पृ.34 ) में इसे "कौसल" कहते हैं; और "आर्कियालॉजिकल सर्वे आॅफ़ इण्डिया" (जिल्द 17 , पृ.68 ) में कनिंधम ने इस क्षेत्र का पुराना नाम "महाकौसल" बतलाया है। वाल्मीकि रामायण, महाभारत, पुराण आदि प्राचीन ग्रन्थों में छत्तीसगढ़ को "कौसल" कहा गया है। पाणिनी ने अष्टाध्यायी में कलिंग के साथ "कौसल" का भी ज़िक्र किया है। 1 नवम्बर, 2000 को को छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से अलग कर भारतीय संघ के 26 वी राज्य के रुप में मान्यता दी गई। "कौसल" कब से छत्तीसगढ़ कहलाने लगा, इसके बारे में इतिहास के अध्येता भिन्न-भिन्न अनुमान करते हैं। "छत्तीसगढ़", यह आधुनिक नाम कब पड़ा? 16 वीं सदी से आधुनिक काल का आरम्भ माना जाता है। क्या यह नाम उसी वक्त पड़ा? आधिकारिक रुप में इस नाम का प्रयोग पहली बार कब किया गया? डॉ. भगवान सिंह वर्मा, अपनी पुस्तक "छत्तीसगढ़ का इतिहास" में बिलासपुर गजेटियर, (पृ.38 ) का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि "छत्तीसगढ़" नाम का प्रयोग आधिकारिक रुप में पहली बार 1795 ई. में किया गया, अर्थात् मराठा शासन काल में ही यह क्षेत्र "छत्तीसगढ़" के नाम से जाना गया। इससे पहले मुगलकाल में इस क्षेत्र को रतनपुर राज्य कहा गया है।