करुण नायर जीवनी - Biography of Karun Nair in Hindi Jivani Published By : upscgk.com करुण कालधर्न नायर (जन्म ०६ दिसम्बर १९९१, जोधपुर, राजस्थान) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है ये मुख्य रूप से बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। नायर दाईनें हाथ से बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी भी दाईनें हाथ से ही करते हैं। घरेलू खेलों में ये कर्नाटक के लिए खेलते है जबकि इंडियन प्रीमियर लीग में २०१६ इंडियन प्रीमियर लीग से दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलते हैं। करुण नायर का जन्म ०६ दिसम्बर १९९१, जोधपुर, राजस्थान मे हुआ है। उनके पिता कलाधरन, जो एक यांत्रिक इंजीनियर हैं, उनके पुत्र के जन्म के समय जोधपुर में तैनात थे और बाद में बैंगलोर गए जहां उन्होंने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में छिड़काव प्रणाली पर भी काम किया। नायर की मां प्रेमा, कोरमंगाला, बेंगलुरु के एक स्कूल में एक शिक्षक है। नायर की एक बड़ी बहन श्रुति नायर है, जो कनाडा में रहती टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज करुण नायर ने भारत और इंग्लैंड बीच चल रहे टेस्ट मैच में ट्रिपल सेंचुरी लगाकर लोगों को दिल जीत लिया है। नायर ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी ने लाखों क्रिकेट प्रमियों को अपना मुरीद बना लिया। करुण नायर ने 303 रन बनाकर भारतीय क्रिकेटर में वीरेंदर सहवाग के बाद पहले बल्लेबाज बन गए हैं। नायर के इस कारनामे ने उनका नाम क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से दर्ज करा दिया है। वैसे तो करुण नायर का परिचय देने की जरूरत नहीं है लेकिन अभी भी बहुत से लोग इस होनहार बल्लेबाज के बारे में बहुत कम जानकारी है। 19 फरवरी 1993 में मुंबई पिच पर इंग्लैंड के ही खिलाफ विनोद कांबली ने पहली सेंचुरी में ही दोहरा शतक लगाकर रिकॉर्ड बनाया था। कांबली ने भी पहली ही पारी में 224 रन बनाए थे। विनोद कांबली से पहले 12 मार्च 1965 को दिलीप सरदेसाई ने मुंबई क्रिकेट ग्राउंड पर न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 200 रन बनाए थे। ट्रिपल सेंचुरी लगाने पर करुण नायर को मिली पीएम मोदी से शाबासी, सहवाग ने लिखा- मजा आ गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर महान क्रिकेटर कपिल देव और वीरेंद्र सहवाग ने आज युवा खिलाड़ी करूण नायर की जमकर तारीफ की जो टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने वाले दूसरे भारतीय बन गये। करियर इनके 709 रन के शानदार प्रदर्शन से कर्नाटक के संघ को जीत दिलायी। वीरेंदर सहवाग के बाद तिहरा शतक बनाने वाले ये कर्नाटक के दुसरे खिलाडी है और 1946-47 से अबतक रणजी ट्राफी के अंतिम मैच में तिहरा शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज है। ये इनके घरेलु क्रिकेट की कुछ उपलब्धिया है। 2013-14 में इन्होने कर्नाटक में पहला मुकाबला खेला और रणजी ट्राफी से सम्मानित किया गया। इनके टेस्ट क्रिकेट का करियर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हुआ। इन्होने अंतिम लीग में और पहले दो नोकआउट मेचो में लगातार तीन शतक लगाये। 11 जून 2016 को करुण नायर ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मुकाबला ज़िम्बाब्वे के खिलाफ हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला था। इसके बाद नायर ने मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेला था। इस शृंखला में इन्होने अंतिम मैच में पहला शतक बनाया और इसे नाबाद 303 के रूप में परिवर्तित कर दिया। इन्होने शानदार बल्लेबाजी के इस प्रदर्शन से इतिहास बना दिया। इन्होने तीन पारियों में तिहरा शतक बनाया और टेस्ट क्रिकेट के पहला सबसे तेज तिहरा शतक बनानेवाले बल्लेबाज बन गए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट करुण नायर का शुरुवाती दौर प्रथम श्रेणी में कुछ खास नहीं रहा पर धीरे धीरे उनके खेल में सुधार आता गया. करुण नायर ने कुछ 5 साल प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें कर्नाटक की रणजी टीम में शामिल कर लिया गया. 2013-14 में इन्होने कर्नाटक में पहला मुकाबला खेला और रणजी ट्राफी से सम्मानित किया गया. जहाँ इन्होने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया. इनके 709 रन के शानदार प्रदर्शन की वजह से कर्नाटक के संघ को जीत मिली. वीरेंदर सहवाग के बाद तिहरा शतक बनाने वाले ये कर्नाटक के दुसरे खिलाडी है और 1946-47 से अबतक रणजी ट्राफी के अंतिम मैच में तिहरा शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज है. ये इनके घरेलु क्रिकेट की कुछ उपलब्धिया है. अन्तराष्ट्रीय करियर करुण नायर के अन्तराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 11 जून 2016 को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ हुई थी. जहाँ उन्होंने अपना पहला अन्तराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेला. इसके बाद मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ करुण ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. इस सीरीज में नायर ने अंतिम मैच में अपने जीवन का पहला अंतराष्ट्रीय शतक बनाया और इसे नाबाद 303 के रूप में परिवर्तित कर दिया. इन्होने शानदार बल्लेबाजी के इस प्रदर्शन से इतिहास बना दिया. इस शतक को इन्होने तीन परियो में बनाया. इस तिहरे शतक के साथ करुण नायर ने टेस्ट क्रिकेट का पहला सबसे तेज तिहरा शतक बना दिया था जो एक इतिहास बन चूका है. नायर ने नाबाद 303 रन की यादगार पारी खेली जिसकी बदौलत भारत ने पांचवें और अंतिम मैच के चौथे दिन सात विकेट पर 759 रन से टेस्ट क्रिकेट में अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया. इस मैच के बाद करुण भारतीय क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने वाले दुसरे बल्लेबाज़ बन गए. इनसे पहले ये रिकॉर्ड सिर्फ वीरेन्द्र सहवाग के नाम था.