संजीव गलांडे की जीवनी - Biography of Sanjeev Galande in hindi jivani Published By : upscgk.com नाम : संजीव गलांडे जन्म दि : 20 सितंबर 1967 ठिकाण : पूणे, महाराष्ट्र, भारत व्यावसाय : सेल जिवविज्ञानी, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनूसंधान संस्थान पूणे, के डीन प्रारंभिक जीवनी : संजीव का पूरा नाम संजीव अनंत गलांडे है | वह एक भारतीय सेल जिवविज्ञानी, महामाहिम, आकादमिक जीव विज्ञान के पूर्व अध्याक्ष है | वर्तमान मे संजीव भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनूसंधान संस्थान, पूणे मे अनूसंधान और विकास के डीन है | संजीव गलांडे का जन्म 20 सितंबर 1967 को भारत मे महाराष्ट्र राजया मे पूणे शहर मे हुआ है | उन्हेांने सावित्रीबाई फुले पूणे विश्वाविघ्यालय से बायोकेमिस्ट्री मे एमएससी कि उपाधि प्राप्ताकि है | सन 1996 मे उन्हेांने भारतीय विज्ञान संस्थान से डॉक्टरेट कि पढाई कि है | सन 2001 मे संजी ने अमेरिका के लॉरेंस बर्कले राष्ट्रीय प्रयोगशाला से टयूमरजन्याजनन मे एमएआर बाइंडिंग प्रोटीन कि भूमिका पर अपने पोस्ट डॉक्टरोल अध्यायन पूरा किया है | कार्य : संजीव ने नेशनल सेंटर फॉर सेल मे वरिष्ठा वैज्ञानिक के रुप मे कार्य किया है | उन्हेांने सन 2010 तक एनसीसीएस के रुप मे कार्य किया है | उसके बाद वह एक प्रोफेसर के रुप मे भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनूसंधान संस्थान, पूणे मे शामिल हुए थे | वहाँ पर उन्हेांने उत्कृष्टता केंद्र सीओईई स्थापित करणे का कार्य भी किया है | संजीव ने क्रोमेटिन बायोलॉजी एंड एपिजेटिक्सा कि प्रयोगशला का नेतृत्वा किया है |वहां पर वे कई शोधार्थियों के होस्ट करते है | जो कि कई मॉडल प्रणिालयेां का उपयोग करते हुऐ एपिगेनेटिक तंत्र के विकास पर अपना ध्यान केंद्रीत करते है | उन्हेांने सावित्रीबाई फुले विश्वाविघ्यालय, पूणे मे सहायक प्रोफेसर के रुप मे भी काम किया है | संजीव ने सेल टाइप विशिष्ट जीन अभिव्याक्ति के पैटर्न पर अध्यायन किया है | उनकी टीम ने सेलूलर सिग्नालिंग पाथ के प्रभाव को क्रोमैटिन के स्तर पर प्रभावित किया है | वह स्वदेशी विनियमन पर काम करते है | उनके अध्यायन मे टी कोशिकाओं के विकास और विभेदन कि हमारी समझ को व्यापक बनाने और इस प्रक्रिया मे उब्ल्यूएनटी सिग्नलिंग पाथ के प्रभाव को बढाने मे सहायता करते की सूचना है | वह तीन परियोजाओ मे शामिल भी है | 1) जेस्टेशनल डायबटिज मेलिडस InDiaGDM | 2) टी से विकास और भेदभाव मे क्रोमैटिन आयोजक एसबटीबी कि भूमिका| 3) एक्सा निष्क्रीयता मे क्रोमेटिन रिसेप्टाइजर कि भूमिका के साथ महिलाओं कि संतानों मे मधूमेह के अंत:क्रिया त्मक प्रोग्रामिग | उपलब्धि : पूरस्कार और सम्मान : 1) डॉ. संजी गलांडे को सन 2006 मे डीबीटी के कैरियर विकास के लिए राष्ट्रीय जीवविज्ञान पूरस्कार दिया गया है | 2) 2006 मे वह डीबीटीव्दारा स्वर्णजयंती फैलोशिप के लिए चूने गऐ है | 3) सन 2010 मे उन्हें विज्ञान और प्रौघोगिकी के लिए शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित कीया गया है | 4) वेलकम ट्रस्टव्दारा उन्हे सीनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए चूना गया है | 5) 2014 मे जी डी बिरला पूरस्कार के वह प्राप्ता कर्ता है | 6) वह सन 2010 मे भारतीय विज्ञान अकादमी और सन 2012 मे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के निर्वाचित साथी भी है | पुस्तक/ग्रंथ : 1) जुलाई 2016 नोडल सिग्नलिंग का ऑप्टोजेनेटिक कंट्रोल गैस्टूलेशन के दौरान सेल फेट स्पेसिफिकेशन के नोडल सिग्नलिंग के एक टेम्पोरल पैटर्न को पक्रट करता है | 2) मई 2016: आरएनए के बाद के रासायनिक लेकलिंग और इमेजिंग के लिए क्लिक करने योग्या यूटीपी एनालाँग| 3) जनवरी 2016 आइलेट विकास और पूनर्जनन का एपिजेनेटिक विनियमन|