इकबाल किशन तैमनी की जीवनी - Biography of Iqbal Kishan Taimani in hindi jivani Published By : upscgk.com नाम : इकबाल किशन तैमनी जन्म तिथी : 1898 ठिकाण : लखनऊ, उत्तरप्रदेश व्यावसाय : प्रोफेसर पत्नी : कुंवर नी नाग मृत्यू : 7 जून 1978 80 वर्षे कि आयू प्रारंभिक जीवनी : इकबाल तैमानी का जन्म 1898 मे काश्मीरी मोहल्ला लखनऊ उत्तरप्रदेश मे हुआथा | उनके माता पिता प्रेम किशन तैमानी और बिराज बाद मे हरदोई और फिर इलाहाबाद चले गए थे | जहां प्रेम किशनतैमानी को सचिव नगर निगम इलहाबाद के रुप मे रोजगार मिला था | जब इबाल तैमानी 11 साल के थे तब उसने उसकी मॉ को तपेदिक के कारण खो दिया था | उनके पिता ने फिर कभी शादी नही कि थी | बच्चे इंकबाल किशन और उनकी बहन चंद्रा, उनकी दादी बिसेन नी उग्रा व्दारा लाए गए थे | तैमानी का पूरे देश मे एक विशिष्टा शैक्षणिक कैरियर था | इकबाल तैमानी ने 1922 मे इंदौर मे कुंबवर नी नाग से शादी कि थी | उन्हेांने बीए कि डिग्री बनारस मे अर्जित कि थी | उन्हेांने कैरियर के रुप मे शिक्षण केा प्राथमिकता दि थी | और इलाहाबाद विश्वाविघ्यालय मे एक व्याख्याता के रुप मे शामिल हुए थे | इस बीच, कुंबवर तैमानी ने उसी विघ्यालय मे इतिहास मे एमए कक्षाओं के लिए दाखिला लिया था | वह मेटिसरी शिक्षक प्रशिक्षण पाठयाक्रम करने के लिए छात्रवृत्ति कि पेशकश करने पर 1926 मे यूके चली गई थी | इकबाल तैमानी उसके साथगए और लंदन विश्वाविघ्यालय मे पीएचडी के लिए दाखिला लिया था | श्रीमती तैमनी व्दारा मोंटेसरी डिप्लोमा पाठयक्रम पूरा करने के बाद और तैमानी मे अकार्बनिक रसायन विज्ञन मे पीएचडी पूरी कि थी | कार्य : इकबाल तैमानी भारत मे इलाहाबाद विश्वाविघ्यालय मे रसायन विज्ञान के प्रोफेसर थे | योग और भारतीय दर्शन के क्षैत्र मे एक प्रभाव शाली विव्दान थै | वह थियोसोफिकल सेासायटी के एक नेता थे | भारत लौटने पर, तैमानी ने इलाहाबाद विश्वाविघ्यालय मे अध्यायन शुरु किया था | जबकी उनकी पत्नी एक प्रमूख के रुप मे कृष्णा आश्रम, इलाहाबाद मे शामिल हुई थी | यह थियोसोफिकल सोसाइटी व्दारा प्रयोजित बच्चों के लिए मोंटेसरी स्कूल या तैमानी 1960 मे सेवानिवृत्ता हुई थी | और इसके बाद दो साल तक वैज्ञानिक और औघोगिक अनूसंधान परिषद सीएसआईआर के साथ काम किया था | रिटायमेंट के बाद उनहेांने थियोसोफि हिंदू धार्मीक ग्रंथो पर टिप्पणी लिखना शुरु किया था जिसके लिए उन्हेांने संस्कूत सीखने के लिए एक शिक्ष्क कि थी| तैमानी ने सबंधित मामलों पर घरेलू और विदेशी पत्रिकाओं मे भी योगदान दिया था | थियोसोफिकल सोसायटी, अडयार चेन्नाई के आजीवन सदस्या थै | तैमानी ने सोसाइटी के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय मे कई वर्षो तक स्कूल ऑफ विजडम के निदेशक के रुप मे कार्य किया था | पूरस्कार और सम्मान : 1) उन्हे थियोसोफिकल साहित्या मे योगदान के लिए 1975 मे सुब्बा रो गोल्ड मेडल से सम्मनित किया गया था | 2) वह प्रथम श्रेणी मे प्रथम छात्र और स्वर्ण्ं पदक विजेता थै | पूस्तके : 1) गायत्री| 2) योग के मनोविज्ञान मे झालक मिलतीहै | 3) मनुष्या ईष्वार औ ब्रम्हांड| 4) विज्ञान और भोगवाद| 5) योग का विज्ञान, : पतंजलि के योग सुत्र| 6) आत्म: साक्षात्कार का रहस्या | 7) प्रेम के माध्याम से आत्म बोध| लेख : 1) ध्यान के कुछ रोचक पहलू| 2) आध्यात्मिक जीवन और धारणा|